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Friday, 25 December 2015

‘अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए, मस्जिद तो वहां है ही नहीं’

विचारक गोविंदाचार्य ने कहा कि राम मंदिर अयोध्या में उसी स्थान पर बनना चाहिए। मस्जिद तो वहां है ही नहीं, वह तो एक ढांचा था। क्योंकि जहां पर लंबे समय से नमाज न पढ़ी जाती हो, वह स्थान मस्जिद कही ही नहीं जा सकती है। 

वह शुक्रवार की शाम कानपुर में आयोजित भारतीय सिंधु सभा और तुलसी परिवार के निशुल्क नेत्र शिविर के समापन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अमर उजाला से वार्ता कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि मंदिर एक समता मूलक मुद्दा है, इसका समाधान न्यायालय के जरिये नहीं हो सकता है। सरकार को चाहिए कि इसके लिए जल्द कानून बनाकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाए। 

अयोध्या में शिला पूजन पर दूसरी पार्टियों में मची हलचल को लेकर गोविंदाचार्य ने कहा कि मंदिर को चुनावी मुद्दा न माना जाए। आखिर राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा। पुरातात्विक प्रमाण भी यहीं बताते हैं।जो लोग मंदिर विरोध कर रहे हैं, उन्हें जितनी जल्दी बात समझ में आ जाए, अच्छा है। यूपी 2017 में प्रचारक की भूमिका निभाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह अब किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।

न ही इसके बारे में अभी कुछ सोचा ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि, यदि इससे भारत पाक के बीच आतंकवाद का मुद्दा सुलझता तो यह यात्रा ठीक है। 

हम सभी को ऐसी ही उम्मीद करनी चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को वह कैसा मुख्यमंत्री मानते हैं, इस प्रश्न पर गोविंदाचार्य करीब एक मिनट तक हंसते रहे, फिर चुप हो गए।

अब मंदिर-मस्जिद के मॉडल आमने-सामने

अयोध्या। अयोध्या में अब श्रीरामजन्म भूमि मंदिर और बाबरी मस्जिद के मॉडल बिसात में रखकर प्रतिद्वन्दी पक्ष दॉवपेंच की जंग में बढत लेने की होड लग गई है।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने राम मन्दिर का मॉडल बनवाकर पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला में रखवाया है। उसी तर्ज पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमैटी से जुडे लोगों ने बाबरी मस्जिद का मॉडल बनवाकर पत्थर मंगवाने की घोषणा कर दी। बाबरी मस्जिद के मॉडल के बारे में लोगों को जानकारी नहीं थी। बारावफात के जुलूस में इसे शामिल करने के बाद लोगों को इसके बारे में पता चला। प्रशासन ने हालांकि जुलूस से इसके मॉडल को तत्काल हटवा दिया था। विवादित धर्मस्थल विवाद के एक पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि विहिप जब रोज-रोज मॉडल दिखा सकती है, तो वे क्यों नहीं। श्री महबूब ने कहा कि विहिप ने यदि पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला को लेकर राजनीति करनी नहीं छोडी तो वे भी बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए पत्थरों को मंगवाएंगे और उसे अपनी जमीन पर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि पत्थरों के पूजन को लेकर आये दिन माहौल खराब करने की कौशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी केवल मस्जिद के मॉडल को जुलूस में शामिल करने की कोशिश की गई। उसे सार्वजनिक रुप से कहीं नहीं रखा गया, लेकिन सरकार ने यदि विहिप की कार्यशैली पर अंकुश नहीं लगाया तो बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी भी पत्थर तराशने के लिए स्वतंत्र होगी। श्री महबूब ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित है। न्यायालय के आदेश का सभी पक्षों को इन्तजार करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायालय को दरकिनार कर आये दिन विहिप कुछ न कुछ करती रहती है। गौरतलब है कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास की पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला में तीन दिन पहले राजस्थान से 35 टन पत्थर आये हैं। विहिप का कहना है कि अब कार्यशाला में पत्थरों को तराशने का काम निरन्तर चलेगा। पत्थर आएंगे और उन्हें तराशने का काम लगातार चलेगा। पत्थरों की नई खेप आते ही अयोध्या समेत देश में हलचल तेज हो गयी। संसद में भी इसे लेकर खूब बहस हुई।
श्रीरामजन्म भूमि न्यास की कार्यशाला में विहिप के माडल के अनुसार मंदिर के एक मंजिल के लिए पत्थरों को तराशने का काम पूरा हो गया है। मॉडल के अनुसार 16 गुणे 16 फुट के 212 खम्भों का निर्माण किया जाना है। मंदिर की लम्बाई, चौडाई और ऊंचाई क्रमश: 268 गुणा 14० गुणा 128 फुट है। उन्होंने बताया कि मंदिर बनने पर उसमें 185 विम लगेगी। अब कुछ ही विम बनने शेष हैं, जिसके लिए पत्थरों का आना शुरु हो गया है।

अभ्यर्थियों को दोबारा पास करना पड़ सकता है टीईटी

राज्य सरकार की ओर से जूनियर टीईटी पास बीएड बेरोजगार अभ्यर्थियों के लिए अभी तक नौकरी का कोई विकल्प नहीं दिया गया है। इन अभ्यर्थियों को टीईटी पास करने के पांच वर्ष के बाद दोबारा टीईटी पास करना होगा।


2016 में जूनियर स्तर के लिए टीईटी पास करने वालों का पांच वर्ष पूरा हो रहा है। ऐसे में जूनियर टीईटी भाषा के अभ्यर्थी बिना किसी चयन में शामिल हुए योग्यता खो देंगे।

प्रदेश भर में 2.50 लाख बीएड बेरोजगार जूनियर स्तर के लिए टीईटी पास करके बैठे हैं। इसमें 29 हजार टीईटी पास विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों की ही भर्ती हो सकी है। 
अभ्यर्थियों ने सरकार से उनके बारे में नीति स्पष्ट करने की मांग भी है। सरकार के असमंजस से टीईटी पास अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय बना है।

अभी तक प्राथमिक विद्यालयों से शिक्षकों को प्रमोशन देकर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनाती दी जाती रही है। प्राथमिक विद्यालयों में सरकार की ओर से बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त बीएड बेरोजगारों की नियुक्ति करने का नियम है।

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके,अफगानिस्तान था केंद्र


नयी दिल्ली-उत्तर  भारत में आज रात भूकंप के ज़बरदस्त झटके महसूस किये गए |
आज रात लगभग 1 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गएये झटके लगभग 3 मिनट तक महसूस किया गए |

भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के जेबक में था तथा इसकी तीव्रता 6.5 रही |
पंजाब,जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर भारत में ये झटके महसूस किये गए |