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Friday 25 December 2015

अब मंदिर-मस्जिद के मॉडल आमने-सामने

अयोध्या। अयोध्या में अब श्रीरामजन्म भूमि मंदिर और बाबरी मस्जिद के मॉडल बिसात में रखकर प्रतिद्वन्दी पक्ष दॉवपेंच की जंग में बढत लेने की होड लग गई है।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने राम मन्दिर का मॉडल बनवाकर पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला में रखवाया है। उसी तर्ज पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमैटी से जुडे लोगों ने बाबरी मस्जिद का मॉडल बनवाकर पत्थर मंगवाने की घोषणा कर दी। बाबरी मस्जिद के मॉडल के बारे में लोगों को जानकारी नहीं थी। बारावफात के जुलूस में इसे शामिल करने के बाद लोगों को इसके बारे में पता चला। प्रशासन ने हालांकि जुलूस से इसके मॉडल को तत्काल हटवा दिया था। विवादित धर्मस्थल विवाद के एक पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि विहिप जब रोज-रोज मॉडल दिखा सकती है, तो वे क्यों नहीं। श्री महबूब ने कहा कि विहिप ने यदि पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला को लेकर राजनीति करनी नहीं छोडी तो वे भी बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए पत्थरों को मंगवाएंगे और उसे अपनी जमीन पर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि पत्थरों के पूजन को लेकर आये दिन माहौल खराब करने की कौशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी केवल मस्जिद के मॉडल को जुलूस में शामिल करने की कोशिश की गई। उसे सार्वजनिक रुप से कहीं नहीं रखा गया, लेकिन सरकार ने यदि विहिप की कार्यशैली पर अंकुश नहीं लगाया तो बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी भी पत्थर तराशने के लिए स्वतंत्र होगी। श्री महबूब ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित है। न्यायालय के आदेश का सभी पक्षों को इन्तजार करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायालय को दरकिनार कर आये दिन विहिप कुछ न कुछ करती रहती है। गौरतलब है कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास की पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला में तीन दिन पहले राजस्थान से 35 टन पत्थर आये हैं। विहिप का कहना है कि अब कार्यशाला में पत्थरों को तराशने का काम निरन्तर चलेगा। पत्थर आएंगे और उन्हें तराशने का काम लगातार चलेगा। पत्थरों की नई खेप आते ही अयोध्या समेत देश में हलचल तेज हो गयी। संसद में भी इसे लेकर खूब बहस हुई।
श्रीरामजन्म भूमि न्यास की कार्यशाला में विहिप के माडल के अनुसार मंदिर के एक मंजिल के लिए पत्थरों को तराशने का काम पूरा हो गया है। मॉडल के अनुसार 16 गुणे 16 फुट के 212 खम्भों का निर्माण किया जाना है। मंदिर की लम्बाई, चौडाई और ऊंचाई क्रमश: 268 गुणा 14० गुणा 128 फुट है। उन्होंने बताया कि मंदिर बनने पर उसमें 185 विम लगेगी। अब कुछ ही विम बनने शेष हैं, जिसके लिए पत्थरों का आना शुरु हो गया है।

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