लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव एवं पूर्व सांसद जयन्त चौधरी ने छोटे राज्यों की वकालत करते हुए आज कहा कि राज्य पुर्नगठन का मुद्दा जनहितकारी और प्रदेश के विकास से जुड़ा है।
श्री चौधरी ने यहां संवादाता सम्मेलन में कहा कि राज्य को चार हिस्सों में बांटकर सभी को अलग राज्य बनाना रालोद का पुराना मुद्दा है। उत्तर प्रदेश इतना बडा राज्य है कि विकास तभी संभव है, जब राज्य को चार हिस्सों में विभाजित कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म और दलगत राजनीति से हटकर सिर्फ विकास को आधार बनाकर प्रदेश के पुनर्गठन के मामले में आगे बढऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को विभाजित कर चार अलग राज्य बनाने से बेहतर विकास होगा और निजी और सरकारी निवेश हो पायेगा तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं चाहती। रालोद महासचिव ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने जिन 5० सूखाग्रस्त जिलों की सूची बनायी है, उसमें गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया गया है। कम वर्षा के बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा, बिजनौर, बुलंदशहर और सहारनपुर आदि जिलों को सूखाग्रस्त जिलों की सूची में शामिल नहीं करना इन जिलों के किसानों के साथ मजाक है। श्री चौधरी ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों सरकारें किसानों का हितैषी होने का दावा करती हैं, लेकिन इन सरकारों ने प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोकने का ही काम किया है। आज किसान परेशान है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। गन्ने का बकाया मूल्य मिल नहीं रहा है। घान की खरीद नहीं होने पर किसान कम कीमत पर धान बेचने पर मजबूर है। किसान विरोधी इन सरकारों को जनता अगले चुनाव में सबक सिखायेगी। महासचिव जयंत चौधरी के समक्ष आज बडी संख्या में दूसरी पार्टियों के नेता शामिल हुए। रालोद में शामिल होने वालों में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक भी थे। प्रमुख रुप से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में मंत्री मुजफ्फरनगर के चौधरी योगराज सिंह, पूर्व विधायक जगत सिंह ने रालोद में अपनी आस्था व्यक्त की। इनके अलावा बडी संख्या में अन्य दलों के कार्यकर्ता और नेता रालोद में शामिल होने की घोषणा की। रालोद महासचिव श्री चौधरी ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि इससे पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी।
श्री चौधरी ने यहां संवादाता सम्मेलन में कहा कि राज्य को चार हिस्सों में बांटकर सभी को अलग राज्य बनाना रालोद का पुराना मुद्दा है। उत्तर प्रदेश इतना बडा राज्य है कि विकास तभी संभव है, जब राज्य को चार हिस्सों में विभाजित कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म और दलगत राजनीति से हटकर सिर्फ विकास को आधार बनाकर प्रदेश के पुनर्गठन के मामले में आगे बढऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को विभाजित कर चार अलग राज्य बनाने से बेहतर विकास होगा और निजी और सरकारी निवेश हो पायेगा तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं चाहती। रालोद महासचिव ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने जिन 5० सूखाग्रस्त जिलों की सूची बनायी है, उसमें गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया गया है। कम वर्षा के बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा, बिजनौर, बुलंदशहर और सहारनपुर आदि जिलों को सूखाग्रस्त जिलों की सूची में शामिल नहीं करना इन जिलों के किसानों के साथ मजाक है। श्री चौधरी ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों सरकारें किसानों का हितैषी होने का दावा करती हैं, लेकिन इन सरकारों ने प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोकने का ही काम किया है। आज किसान परेशान है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। गन्ने का बकाया मूल्य मिल नहीं रहा है। घान की खरीद नहीं होने पर किसान कम कीमत पर धान बेचने पर मजबूर है। किसान विरोधी इन सरकारों को जनता अगले चुनाव में सबक सिखायेगी। महासचिव जयंत चौधरी के समक्ष आज बडी संख्या में दूसरी पार्टियों के नेता शामिल हुए। रालोद में शामिल होने वालों में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक भी थे। प्रमुख रुप से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में मंत्री मुजफ्फरनगर के चौधरी योगराज सिंह, पूर्व विधायक जगत सिंह ने रालोद में अपनी आस्था व्यक्त की। इनके अलावा बडी संख्या में अन्य दलों के कार्यकर्ता और नेता रालोद में शामिल होने की घोषणा की। रालोद महासचिव श्री चौधरी ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि इससे पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी।
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