जस्टिस वीरेंद्र सिंह को लोकायुक्त नियुक्त करने के बाद यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी देना है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को अपने आदेश पर अमल करके 21 दिसंबर को हलफनामे के साथ अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष व इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की तीन सदस्यीय चयन समिति के नए लोकायुक्त का चयन न कर पाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर को जस्टिस वीरेंद्र सिंह को इस पद पर नियुक्त कर दिया था।
चयन न कर पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए प्रदेश की संवैधानिक इकाइयों की विफलता पर तल्ख टिप्पणी भी की थी।जस्टिस वीरेंद्र सिंह जस्टिस एनके मेहरोत्रा का स्थान लेंगे। जस्टिस मेहरोत्रा का कार्यकाल 15 मार्च 2014 को ही समाप्त हो गया था, लेकिन उ.प्र. लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत नए लोकायुक्त की नियुक्ति न हो पाने की वजह से वह अभी तक इस पर बने हुए हैं।
जस्टिस वीरेंद्र फिलहाल राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हैं। यहां उनका कार्यकाल 3 जनवरी 2016 तक है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को अपने आदेश पर अमल करके 21 दिसंबर को हलफनामे के साथ अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष व इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की तीन सदस्यीय चयन समिति के नए लोकायुक्त का चयन न कर पाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर को जस्टिस वीरेंद्र सिंह को इस पद पर नियुक्त कर दिया था।
चयन न कर पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए प्रदेश की संवैधानिक इकाइयों की विफलता पर तल्ख टिप्पणी भी की थी।जस्टिस वीरेंद्र सिंह जस्टिस एनके मेहरोत्रा का स्थान लेंगे। जस्टिस मेहरोत्रा का कार्यकाल 15 मार्च 2014 को ही समाप्त हो गया था, लेकिन उ.प्र. लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत नए लोकायुक्त की नियुक्ति न हो पाने की वजह से वह अभी तक इस पर बने हुए हैं।
जस्टिस वीरेंद्र फिलहाल राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हैं। यहां उनका कार्यकाल 3 जनवरी 2016 तक है।
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