रामपुर। अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के नगर विकास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने आरोप लगाया है कि अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचे को ध्वस्त कराने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के बीच गुप्त समझौता हुआ था। श्री खां ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि छह दिसम्बर 1992 को विवादित बाबरी ढांचा ध्वस्त होते समय सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे,
लेकिन इसी समझौते की वजह से सभी एक किनारे खडे हो गए थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों पर उनका आरोप नहीं है, लेकिन यह ऐतिहासिक सत्य है। अयोध्या में ताजा घटनाक्रम के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी मामले को दबाने के बजाय उसका हल निकाला जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने तक सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। सपा नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुनियादी मुद्दों पर काम करने के बजाय लोगों को भडकाने में ज्यादा विश्वास करती है, इसीलिए बीच-बीच में अयोध्या जैसे मुद्दों को हवा दी जाती है।
लेकिन इसी समझौते की वजह से सभी एक किनारे खडे हो गए थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों पर उनका आरोप नहीं है, लेकिन यह ऐतिहासिक सत्य है। अयोध्या में ताजा घटनाक्रम के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी मामले को दबाने के बजाय उसका हल निकाला जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने तक सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। सपा नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुनियादी मुद्दों पर काम करने के बजाय लोगों को भडकाने में ज्यादा विश्वास करती है, इसीलिए बीच-बीच में अयोध्या जैसे मुद्दों को हवा दी जाती है।
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