लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार चालू पेराई सत्र के लिए स्वीकृत गन्ना प्रजातियों के राज्य परामर्शी मूल्य (एसएपी) में मामूली इजाफा कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि इस आशय का फैसला इस हफ्ते होने वाली बैठक में लिए जाने की उम्मीद है। बैठक में सरकार द्वारा पुराने एसएपी को बरकरार रखने अथवा उसमें मामूली बढोत्तरी करने के बारे में फैसला लिया जा सकता है। स्वीकृत प्रजातियों के लिए गन्ना उत्पादकों को 28० रुपये प्रति कुंतल दिया जाता है। अगैती प्रजातियों के लिए 29० रुपये प्रति कुंतल और अस्वीकृत प्रजातियों के लिए 275 रुपये प्रति कुंतल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत प्रजातियों के एसएपी में इजाफा किये जाने की संभावना है, जबकि अगैती और अस्वीकृत दोनों प्रजातियों के मूल्य बरकरार रखे जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इस बारे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुआई में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जायेगा।
किसानों का एक गुट गन्ने की उत्पादन लागत में हुई बढोत्तरी के मद्देनजर एस एपी 35० रुपये प्रति कुंतल करने की मांग कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि सूबे की सरकार गन्ना उत्पादकों और चीनी मिल मालिको के बीच संतुलन कायम रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि एसएपी में बडी बढोत्तरी से चीनी मिल मालिकों पर बोझ बढेगा जो समय से भुगतान नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिक अस्वीकृत प्रजातियों के मौजूदा 275 रुपये प्रति कुंतल करने की भी मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य में गन्ने का नया पेराई सत्र चालू हो गया है। सूबे की करीब में सौ में से 5० फीसदी गन्ना मिलो ने पेराई शुरु कर दी है।
किसानों का एक गुट गन्ने की उत्पादन लागत में हुई बढोत्तरी के मद्देनजर एस एपी 35० रुपये प्रति कुंतल करने की मांग कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि सूबे की सरकार गन्ना उत्पादकों और चीनी मिल मालिको के बीच संतुलन कायम रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि एसएपी में बडी बढोत्तरी से चीनी मिल मालिकों पर बोझ बढेगा जो समय से भुगतान नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिक अस्वीकृत प्रजातियों के मौजूदा 275 रुपये प्रति कुंतल करने की भी मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य में गन्ने का नया पेराई सत्र चालू हो गया है। सूबे की करीब में सौ में से 5० फीसदी गन्ना मिलो ने पेराई शुरु कर दी है।
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