इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि चयन समिति की बैठक में लोकायुक्त के लिए जिन नामों पर चर्चा हुई थी, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उससे इतर नाम रखे गए।
उन्होंने राज्यपाल राम नाईक को पत्र भेजकर लोकायुक्त के पद पर जस्टिस वीरेंद्र सिंह की नियुक्ति पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि वे जस्टिस वीरेंद्र सिंह के नाम पर राजी नहीं थे।
तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें आश्वस्त किया था कि सरकार जस्टिस वीरेंद्र के नाम पर दबाव नहीं डालेगी। साथ ही, हाईकोर्ट के सेवारत न्यायाधीश जस्टिस एएन मित्तल के नाम पर भी विचार करने की बात तय हुई थी।पर, सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से जो पैनल रखा गया उसमें जस्टिस मित्तल समेत वे नाम नहीं थे, जिन पर चयन समिति में विचार किया गया था।
राज्यपाल ने पत्र की प्रति मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को भेज दी है।
पत्र में चीफ जस्टिस ने कहा है कि उनकी ओर से सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एसयू खान, जस्टिस देवेंद्र प्रताप सिंह, जस्टिस अमर सरन, जस्टिस श्रीकांत त्रिपाठी व जस्टिस सुनील हाली का नाम प्रस्तावित किया गया था।
इनमें से कोई नाम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नहीं रखा गया। जिस नाम पर चयन समिति में सहमति नहीं थी, उसे आगे कर दिया गया।
उन्होंने राज्यपाल राम नाईक को पत्र भेजकर लोकायुक्त के पद पर जस्टिस वीरेंद्र सिंह की नियुक्ति पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि वे जस्टिस वीरेंद्र सिंह के नाम पर राजी नहीं थे।
तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें आश्वस्त किया था कि सरकार जस्टिस वीरेंद्र के नाम पर दबाव नहीं डालेगी। साथ ही, हाईकोर्ट के सेवारत न्यायाधीश जस्टिस एएन मित्तल के नाम पर भी विचार करने की बात तय हुई थी।पर, सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से जो पैनल रखा गया उसमें जस्टिस मित्तल समेत वे नाम नहीं थे, जिन पर चयन समिति में विचार किया गया था।
राज्यपाल ने पत्र की प्रति मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को भेज दी है।
पत्र में चीफ जस्टिस ने कहा है कि उनकी ओर से सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एसयू खान, जस्टिस देवेंद्र प्रताप सिंह, जस्टिस अमर सरन, जस्टिस श्रीकांत त्रिपाठी व जस्टिस सुनील हाली का नाम प्रस्तावित किया गया था।
इनमें से कोई नाम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नहीं रखा गया। जिस नाम पर चयन समिति में सहमति नहीं थी, उसे आगे कर दिया गया।
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