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Friday, 18 December 2015

पत्नी ड‌िम्पल के साथ आधे घंटे तक ल‌िफ्ट में फंसे रहे अख‌िलेश

यूपी के सीएम अख‌िलेश यादव ‌की सुरक्षा में बड़ी चूक हो गई। शुक्रवार को एक कार्यक्रम से लौटकर आ रहे अख‌िलेश व‌िधानसभा की ल‌िफ्ट में फंस गए। उनके साथ उनकी पत्नी ड‌िम्पल यादव भी थीं। 

दोनों करीब आधे घंटे तक ल‌िफ्ट में फंसे रहे। इस घटना की सूचना म‌िलते ही हड़कम्प मच गया। आधे घंटे बाद ल‌िफ्ट काटकर उन्हें न‌िकाला जा सका।

सीएम अख‌िलेश यादव बाल संसद से लौट रहे थे तभी वह और उनकी पत्नी ड‌िम्पल यादव व‌िधानसभा की ल‌िफ्ट में फंस गए। सूचना म‌िलते ही अफरा-तफरी मच गई। 

उनको न‌िकालने के ल‌िए 15-20 म‌िनट तक कड़ी मशक्कत की गई। करीब 30 म‌िनट बाद ल‌िफ्ट काटकर उन्हें सुरक्ष‌ित न‌िकाला गया। जानकारी के मुताब‌िक ल‌िफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण ये घटना हुई।

क्लर्क और सेक्रेटरी की भर्ती, 39 हजार तक सैलरी

बेरोजगार युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का पिटारा खुल गया है। भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में एलडीसी, असिस्टेंट, डायरेक्टर प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पदों पर भर्ती निकली है।वेतनमान के तौर पर लोअर डिवीजन क्लर्क को 5,200-20,200 रुपये एवं 1,900 रुपये का ग्रेड पे, असिस्टेंट के पदों पर 5,200-20,200 रुपये के साथ 2,800 रुपये का ग्रेड पे एवं प्राइवेट सेक्रेटरी के पदों पर 15,600-39,100 रुपये के साथ 5,400 रुपये का ग्रेड पे दिए जाने का प्रावधान हैआवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 18, 21, 26 वर्ष एवं अधिकतम आयु 30, 35, 40 वर्ष (पदों के अनुसार अलग-अलग) होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी।शैक्षिक योग्यता और अनुभव को पदों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित किया गया है। सफल उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, दक्षता परीक्षा और साक्षात्कार (पदों के अनुसार अलग-अलग) के आधार पर किया जाएगा।इच्छुक उम्मीदवार संस्थान की वेबसाइट पर दिए आवेदन पत्र को पूर्णरूप से भरकर आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें। आवेदन शुल्क के तौर पर उम्मीदवारों को 500 रुपये के शुल्क का भुगतान डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से करना होगा।विधिवत रूप से भरे हुए आवेदन पत्र को संबंधित आवश्यक प्रमाणपत्र के साथ संलग्न कर 'चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, प्रबंध नगर, सीतापुर रोड, लखनऊ- 226013' के पते पर भेजें।आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख 27 दिसंबर, 2015 निर्धारित की गई है। 

यूपी में लोकायुक्त की नियुक्ति पर आपत्ति, राज्यपाल को भेजा पत्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि चयन समिति की बैठक में लोकायुक्त के लिए जिन नामों पर चर्चा हुई थी, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उससे इतर नाम रखे गए।

उन्होंने राज्यपाल राम नाईक को पत्र भेजकर लोकायुक्त के पद पर जस्टिस वीरेंद्र सिंह की नियुक्ति पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि वे जस्टिस वीरेंद्र सिंह के नाम पर राजी नहीं थे।


तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें आश्वस्त किया था कि सरकार जस्टिस वीरेंद्र के नाम पर दबाव नहीं डालेगी। साथ ही, हाईकोर्ट के सेवारत न्यायाधीश जस्टिस एएन मित्तल के नाम पर भी विचार करने की बात तय हुई थी।पर, सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से जो पैनल रखा गया उसमें जस्टिस मित्तल समेत वे नाम नहीं थे, जिन पर चयन समिति में विचार किया गया था।

राज्यपाल ने पत्र की प्रति मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को भेज दी है।

पत्र में चीफ जस्टिस ने कहा है कि उनकी ओर से सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एसयू खान, जस्टिस देवेंद्र प्रताप सिंह, जस्टिस अमर सरन, जस्टिस श्रीकांत त्रिपाठी व जस्टिस सुनील हाली का नाम प्रस्तावित किया गया था।

इनमें से कोई नाम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नहीं रखा गया। जिस नाम पर चयन समिति में सहमति नहीं थी, उसे आगे कर दिया गया।

Thursday, 17 December 2015

यूपी को चार हिस्सों में बांटा जाये: जयंत

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव एवं पूर्व सांसद जयन्त चौधरी ने छोटे राज्यों की वकालत करते हुए आज कहा कि राज्य पुर्नगठन का मुद्दा जनहितकारी और प्रदेश के विकास से जुड़ा है।

श्री चौधरी ने यहां संवादाता सम्मेलन में कहा कि राज्य को चार हिस्सों में बांटकर सभी को अलग राज्य बनाना रालोद का पुराना मुद्दा है। उत्तर प्रदेश इतना बडा राज्य है कि विकास तभी संभव है, जब राज्य को चार हिस्सों में विभाजित कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म और दलगत राजनीति से हटकर सिर्फ विकास को आधार बनाकर प्रदेश के पुनर्गठन के मामले में आगे बढऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को विभाजित कर चार अलग राज्य बनाने से बेहतर विकास होगा और निजी और सरकारी निवेश हो पायेगा तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं चाहती। रालोद महासचिव ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने जिन 5० सूखाग्रस्त  जिलों की सूची बनायी है, उसमें गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया गया है। कम वर्षा के बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा, बिजनौर, बुलंदशहर और सहारनपुर आदि जिलों को सूखाग्रस्त जिलों की सूची में शामिल नहीं करना इन जिलों के किसानों के साथ मजाक है। श्री चौधरी ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों सरकारें किसानों का हितैषी होने का दावा करती हैं, लेकिन इन सरकारों ने प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोकने का ही काम किया है। आज किसान परेशान है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। गन्ने का बकाया मूल्य मिल नहीं रहा है। घान की खरीद नहीं होने पर किसान कम कीमत पर धान बेचने पर मजबूर है। किसान विरोधी इन सरकारों को जनता अगले चुनाव में सबक सिखायेगी। महासचिव जयंत चौधरी के समक्ष आज बडी संख्या में दूसरी पार्टियों के नेता शामिल हुए। रालोद में शामिल होने वालों में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक भी थे। प्रमुख रुप से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में मंत्री मुजफ्फरनगर के चौधरी योगराज सिंह, पूर्व विधायक जगत सिंह ने रालोद में अपनी आस्था व्यक्त की। इनके अलावा बडी संख्या में अन्य दलों के कार्यकर्ता और नेता रालोद में शामिल होने की घोषणा की। रालोद महासचिव श्री चौधरी ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि इससे पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी।