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Thursday, 17 December 2015

यूपी सरकार और राज्यपाल में ठनी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति तो कल उच्चतम न्यायालय ने कर दी, लेकिन इसे लेकर राजभवन तथा राज्य सरकार के बीच विवाद थमता दिखायी नहीं दे रहा है।
राज्यपाल राम नाईक ने कानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान लोकायुक्त की नियुक्ति उच्चतम न्यायालय द्वारा किये जाने पर आज फिर राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार पर निशाना साधा तथा कहा कि यह राज्य सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल खडा करता है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोरखपुर में लोगों को संबोधित करते हुये कहा कि उन्होंने लोकायुक्त चयन के लिये पांच नामों की सूची बहुत पहले ही राजभवन भेज दी थी। एक कार्यक्रम में शिरकत करने आये राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री, विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सामूहिक जिम्मेदारी होती है कि लोकायुक्त तय करें। उच्चतम न्यायालय द्वारा लोकायुक्त नियुक्त करना सपा सरकार पर बड़ा सवाल है। राज्यपाल ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि लोकायुक्त तय करने में लगातार देरी के पीछे क्या कारण हो सकता है, यह सभी को पता है और वह इस मामले में और कुछ कहना नहीं चाहते। लोकायुक्त मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा चिठ्ठी लिखे जाने और राज्यपाल के हस्तक्षेप मामले में मीडिया के सवाल पर श्री नाईक ने कहा कि मीडिया में आई खबरों में पढ़ा है। उन्होंने कहा कि मैं वापस जाकर लखनऊ में देखूंगा कि इस प्रकार का कोई पत्र आया है या नहीं। मुख्यमंत्री ने आज कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति में देरी सरकार की ओर से नहीं हुई, बल्कि पांच नामों की सूची राजभवन को काफी पहले ही भेज दी गयी थी। राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करती है लेकिन लोकायुक्त की नियुक्ति में देरी के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार नहीं है बल्कि देरी कहीं और से हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच नामों की सूची पहले ही राजभवन भेज दी थी। देरी कहां से हुई वह सबको पता है।

मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीमकोर्ट को लिखा पत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर चल रही तकरार थमने का नाम नहीं ले रही और अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चन्द्रचूड ने उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया है कि चयन समिति की बैठक में न्यायमूर्ति (अप्र) वीरेन्द्र सिंह को लोकायुक्त नियुक्त किये जाने पर उन्होंने आपत्ति जाहिर की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री चन्द्रचूड ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजे गये पत्र में कहा कि मैंने न्यायमूर्ति अवकाश प्राप्त वीरेन्द्र सिंह की निष्ठा को लेकर उन्हें लोकायुक्त बनाये जाने पर आपत्ति जतायी थी और चयन समिति की बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्रस्तावित किये जाने पर उनके नाम पर अपनी असहमति व्यक्त की थी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई में गठित चयन समिति में न्यायाधीश श्री डी.वाई. चन्द्रचूड के अलावा राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य सदस्य थे। समिति की बैठक के बाद सरकार द्वारा सुझाये गये पांच नामों के पैनल में से न्यायमूर्ति (अप्र) वीरेन्द्र सिंह को प्रदेश का लोकायुक्त बनाने का ऐतिहासिक फैसला उच्चतम न्यायालय ने लिया था। इस नियुक्ति के बाद न्यायाधीश श्री चन्द्रचूड ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को तीन पृष्ठ का एक पत्र भेजा है। पत्र की एक प्रति सूबे के राज्यपाल राम नाईक को भी प्रेषित की गयी है।

चोरी की बाइकें व कटे पार्ट्स बरामद, तीन हिरासत में लिये

मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली पुलिस ने एक मकान पर छापा मारकर कई बाइकें व कटे हुए पार्ट्स बरामद करते हुए दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार युवकों की निशानदेही पर कबाडी के यहां पहुंची पुलिस ने हंगामे के दौरान कबाडी के भतीजे को भी हिरासत में ले लिया। बताया जाता है कि शहर कोतवाली पुलिस ने आज मौहल्ला किदवईनगर में आज एक मकान में छापा मारकर चार बाइकें व भारी मात्रा में पार्ट्स बरामद किये। पुलिस ने मकान से दबोचे गये दो युवकों से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि वे बाइक काटकर पार्ट्स मीनाक्षी चौक पर एक कबाडी को बेच देते हैं। इसके बाद पुलिस कबाडी के यहां पहुंची, तो वहां भीड इकट्ठा हो गयी और पुलिस का विरोध करने लगे। बताया जाता है कि कबाडी तो वहां से निकल गया पुलिस ने उसके भतीजे को हिरासत में ले लिया।

किशोर की ट्रक से कुचल कर दर्दनाक मौत

झिझांना। करनाल हाईवे पर स्थित कस्बे के गाडीवाला चौक पर ट्रक की चपेट मे आने से साईकिल सवार किशोर को ट्रक ने बडी बेदर्दी से कुचल दिया जिससे किशोर की मौके पर ही मौत हो गयी। किशोर उस समय खाना खाकर अपनी साईकिल से दुकान पहुंच रहा था कि ट्रक की चपेट मे आ गया। उधर घटना घटित होते ही वही तैनात पुलिस कर्मियों ने दुर्घटना ग्रस्त किशोर को शामली चिकित्सालय पहुँचाया । किशोर के परिजनों को घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे परिजनों व ग्रामीणों मे पुलिस के प्रति रोष फैल गया इसी बीच पुलिस के साथ हाथापाई होते-होते बची। 

तो ग्रामीणों ने चौक पर जाम लगा दिया। बाद मे पुलिस अधिकारियों के समझाने व अधिक से अधिक मुआवजा दिलाये जाने के नाम पर लगभग दो घंटे बाद जाम खुला पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हेतू भेज दिया है। पास के गाँव पटनी परतापुर निवासी रियासत का 16 वर्षीय पुत्र सत्तार करनाल हाईवे पर स्थित कस्बे के गाडीवाले चौक पर बिजलीघर के सामने बाइक मिस्त्री कुलदीप की दुकान पर काम सीखता है। आज गुरूवार को लगभग दो बजे सत्तार खाना खाकर अपनी साईकिल पर सवार होकर शामली की ओर से इस गाडीवाले चौराहे को पार कर ही रहा था। इसी शामली की ओर से चौराहा पार कर रहे ट्रक ने उक्त किशोर को बडी बेरहमी से कुचल दिया और ट्रक छोडकर जंगल के रास्ते फरार हो गया। वही सामने पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसजनों ने दुर्घटना ग्रस्त युवक को तुरन्त ही उठा कर शामली चिकित्सालय ले गये। यह खबर आग की तरह फैल गयी। देखते ही देखते किशोर के परिजन व अन्य ग्रामीणों की भीड मौके पर जमा हो गयी। गुस्साई भीड ने चौकी पर मौजूद दरोगा व अन्य पुलिस कर्मियों से हाथापाई करनी चाही, मगर कुछ मौजिज लोगो के हस्तक्षेप के चलते वह तो नही हुआ मगर ग्रामीणों ने ट्रैक्टर ट्रोलियों को आडा तिरछा खडा करके जाम लगा दिया चारो ओर वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारे लग गयी। सूचना मिलते ही थाने के इंस्पेक्टर धर्मबीर सिह व कई दरोगा तथा दर्जनों पुलिस कर्मी भी मौके पर पहुँच गये भीड को समझाया। उक्कचाधिकारियों के सलाह पर किशोर के परिजनों को अधिक से अधिक मुआवजा दिलाये जाने के आश्वासन पर ग्रामीणों ने लगभग दो घंटे बाद जाम खोल दिया।
लगभग दो घंटे बाद यातायात सामान्य हुआ। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम हेतू भेजा दूसरी ओर किशोर के घर मे कोहराम मचा है ।