प्रदेश में अहेरिया जाति के लोग अनुसूचित जाति के ही सदस्य माने जाएंगे। इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया गया है। एक मामले में अहेरिया जाति के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत हुई जांच के बाद शासन ने अहेरिया और बहेलिया जाति में रोटी-बेटी का संबंध बताते हुए उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी करने के फैसले को सही ठहराया है।
मथुरा के पूर्व विधायक अजय कुमार पोइया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गोवर्धन सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए श्याम सिंह अहेरिया के जाति प्रमाणपत्र को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि अहेरिया होने के नाते उन्हें जारी किया गया अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र अवैध है।
इस मामले में हाईकोर्ट ने जांच कर निर्णय लेने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) सुनील कुमार की अध्यक्षता में गठित राज्यस्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने इस मामले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ से रिपोर्ट मांगी।
हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत हुई जांच के बाद शासन ने अहेरिया और बहेलिया जाति में रोटी-बेटी का संबंध बताते हुए उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी करने के फैसले को सही ठहराया है।
मथुरा के पूर्व विधायक अजय कुमार पोइया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गोवर्धन सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए श्याम सिंह अहेरिया के जाति प्रमाणपत्र को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि अहेरिया होने के नाते उन्हें जारी किया गया अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र अवैध है।
इस मामले में हाईकोर्ट ने जांच कर निर्णय लेने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) सुनील कुमार की अध्यक्षता में गठित राज्यस्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने इस मामले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ से रिपोर्ट मांगी।
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