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Thursday 7 January 2016

मुजफ्फरनगर से आंचल, शामली से संतोष जीती

मुजफ्फरनगर/शामली। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में समाजवादी पार्टी के विजयी रथ को मुजफ्फरनगर व शामली में विपक्षी दिग्गजों ने थाम दिया। दोनों ही जनपदों में सपा प्रत्याशियों की करारी हार हुई, जबकि विपक्ष ने अपनी ताकत का अहसास कराते हुए दोनों ही जगह एकजुटता से जीत हासिल कर ली। मुजफ्फरनगर में विपक्षी की सर्वदलीय प्रत्याशी आंचल तोमर व शामली में संतोष देवी ने जीत हासिल की, जबकि सपा प्रत्याशी उमा किरण व शैफाली चौहान को हार का मुंह देखना पडा। मुजफ्फरनगर में विजयी प्रत्याशी आंचल तोमर को 26 वोट व पराजित प्रत्याशी उमा किरण को 17 वोट मिले, जबकि शामली में संतोष देवी को 12 व शैफाली चौहान को मात्र 7 वोट ही प्राप्त हो सके। शैफाली चौहान की हार से चौ. वीरेन्द्र सिंह की किरकिरी हो गई, जबकि मुजफ्फरनगर में एमएलसी आशु मलिक कोई करिश्मा नहीं कर सके।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के बेहद प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में समाजवादी पार्टी के सभी हथकंडों को फेल करते हुए विपक्ष ने एकजुटता से अपनी ताकत का अहसास कराते हुए जीत हासिल कर ली। मुजफ्फरनगर में विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी आंचल तोमर 26 वोट लेकर विजयी रही, जबकि सपा प्रत्याशी उमा किरण को मात्र 17 वोट ही मिल सके। आज प्रात: 11 बजे से कडी सुरक्षा के बीच कलेक्ट्रेट परिसर स्थित डीएम कोर्ट में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये मतदान शुरू हुआ और अपरान्ह तीन बजे तक सभी 43 मतदाता जिला पंचायत सदस्यों ने मतदान किया। इसके बाद डीएम निखिल चन्द्र शुक्ला ने मतगणना कराई, जिसमें विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी आंचल तोमर को 9 मतों से विजयी घोषित किया गया। आंचल को 26 व सपा प्रत्याशी उमा किरण को 17 मत मिले। जिलाधिकारी ने आंचल तोमर को विजयी होने का प्रमाण पत्र दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर व ढोल नगाडे बजाकर अपनी खुशी का इजहार किया।
दूसरी ओर एमएलसी आशु मलिक को सपा हाईकमान ने अंतिम समय में चुनाव का प्रभारी बनाकर भेजा था और उन्होंने पिछले तीन दिनों से जबरदस्त जोडतोड की। अलग-अलग जगह गुप्त बैठकें कर जीत की रणनीति बनाई गई और साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाते हुए खूब भागदौड की, लेकिन आखिरकार उनकी मेहनत पर पानी फिर गया और विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी आंचल तोमर की जीत को वे रोक नहीं सके। केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने अपनी ताकत का अहसास सपा नेताओं को करा दिया और उनके चक्रव्यूह को भेदते हुए भाजपा, रालोद व भाकियू की संयुक्त प्रत्याशी आंचल तोमर को जीत दिला दी। इस चुनाव में भाजपा जिलाध्यक्ष सतपाल सिंह पाल, पूर्व चेयरमैन कपिल देव अग्रवाल, रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी, एमएलसी मुश्ताक चौधरी, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, भाजपा नेता उमेश मलिक व जिला पंचायत सदस्य धीरेन्द्र सिंह बरवाला की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही। यही कारण है कि सपा प्रत्याशी उमा किरण को 9 मतों से हार का सामना करना पडा।
सपा के कई दिग्गज नेता इस चुनाव में पूरी भागदौड करते रहे। एमएलसी आशु मलिक के अलावा दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री मुकेश चौधरी, पूर्व विधायक शाहनवाज राणा, सपा जिलाध्यक्ष श्यामलाल बच्ची सैनी, जिला पंचायत सदस्य अब्दुल्ला राणा ने लगातार उमा किरण की जीत के लिये प्रयास किये और सदस्यों की खरीद-फरोख्त से लेकर पुलिस से दबाव बनवाने तक का भी प्रयास किया, लेकिन आखिरकार वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके और सपा प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पडा।
शामली संवाददाता के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष के कडे मुकाबले में बसपा सहित सर्वदलीय उम्मीदवार संतोष देवी ने अपनी प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार शैफाली चौहान को पांच मतों से करारी शिकस्त देकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा कर लिया। सपा की करारी हार व बसपा सहित सर्वदलीय उम्मीदवार की भारी जीत पर जनपद में जश्न का माहौल बन गया। आज सुबह सवेरे कलेक्ट्रेट परिसर में शुरू हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद के मतदान में सदस्यों की भीड लग गयी थी। संतोष देवी अपने साथ दस सदस्यों को लेकर मतदान स्थल पर पहुंच चुकी थी जबकि सपा उम्मीदवार शैफाली चौहान अपने पति जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान के साथ पांच मतों को लेकर पहुंचे थे। दो मत अनुज चौहान व अनिल चौहान की पत्नी सुषमा भी कलेक्ट्रेट पहुंचे तथा उसके पश्चात सपा की पूर्व सांसद वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य तबस्सुम बेगम अपना मत का प्रयोग करने के लिए पहुंची। तबस्सुम हसन के बाद लगभग दो बजे वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष व सपा उम्मीदवार शैफाली चौहान के पति मनीष चौहान ने अपने मत का प्रयोग किया। तीन बजे मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई। मतदान के बाद हुई मतगणना के पश्चात जिलाधिकारी ओपी वर्मा ने संतोष देवी के पक्ष में 12 मत व शैफाली चौहान के पक्ष में 7 मत होने की घोषणा के साथ ही विजेता के रूप में संतोष देवी को प्रमाण पत्र दिया। जैसे ही समर्थकों को संतोष देवी की जीत का पता चला तभी ढोल नगाडों की थाप पर जश्न मनना शुरू हो गया और मायावती व अजित सिंह जिंदाबाद के नारों से आसमान गूंजने लगा। भारी सैलाब को देखते हुए पुलिस को कडी मशक्कत करनी पडी। सपा की करारी हार होने पर जनपद की राजनीति यकायक बदलती हुई दिखाई दी। संतोष देवी की जीत ने एक बार फिर जाट बनाम मुसलमान के गठबंधन को जीवित कर दिया। संतोष देवी के पक्ष में मुस्लिम जिला पंचायत सदस्य लामबंद दिखाई दिए जबकि सपा की शैफाली चौहान को जिताने के लिए तीन-तीन मंत्रियों का डेरा जनपद में डला रहा। प्रदेश के कद्दावर मंत्री बलराम यादव, जनपद प्रभारी मंत्री ठा. ओमप्रकाश सिंह व महबूब अली ने डेरा डालकर हरसंभव प्रयास किया कि शैफाली चौहान की जीत हो जाए लेकिन चुनाव परिणामों ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया। शैफाली की हार व संतोष देवी की जीत ने जनपद की राजनीति में कीर्तिमान स्थापित किया। जीत के बाद उत्साही समर्थक प्रसन्न चौधरी को कंधों पर बैठाकर जुलूस के रूप में आतिशबाजी करते हुए एमएसके रोड स्थित रजवाडा फार्म पर पहुंचे, जहां मौजूद पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व मंत्री चौधरी योगराज सिंह, भाजपा विधायक सुरेश राणा, विधायक पंकज मलिक, पूर्व विधायक राव वारिस, हाजी अनवर हसन, अनिल चौहान, महाराज सिंह लांक, अशरफ अली, वीरेन्द्र सिंह कुडाना, कंवरपाल मालैंडी, कृष्णपाल मलिक, मदनसिंह सिम्भालका, कंवरपाल कसेरवा, सुनील पूर्व प्रधान झाल, कुलदीप पंवार, डा. योगेन्द्र तोमर तेजबीर कुडाना, पंदीप पंवार, सतेन्द्र खैवाल, आदि सहित हजारों समर्थकों ने पहुंचकर प्रसन्न चौधरी को जीत की

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